धारा 370 क्या है ? कब शुरू हुआ ? और इसका इतिहास क्या है ? - ज्ञानी खबर (Gyani Khabar)

हेल्लो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में इंडियन पैनल कोड की धारा 370 के बारे में जानेंगे। इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की IPC की धारा 370 क्या है ? इसे कब शुरू की गयी थी ? किसने इसे लागू किया था ? किसके द्वारा बनायीं गयी थी ? और इसका पूरा इतिहास क्या है ? 

इन सभी सवालों का जवाब आपको इस पोस्ट में मिलेगा। धारा 370 भारत की एक बहुत ही खतरनाक धारा है। आपको बता दें की , इस धारा को ख़तम करने के लिए भारतीय जनता पार्टी , और अन्य पार्टियों ने खूब प्रयास किया। पर इसे ख़त्म नहीं कर पायें।

इससे हमारे देश के नागरिकों को बहुत ज्यादा खतरा है। इसलिए इसका ख़त्म होना बहुत जरूरी है।  अगर आपके पास इसे समाप्त करने का कोई उपाय है तो आप हमें कमेंट में जरूर बताये। चलिए अब हम इस धारा के बारे में विस्तार से जानते है। सबसे पहले हम जानेंगे इसके इतिहास के बारे में। 
धारा 370 क्या है ? कब शुरू हुआ ? और इसका इतिहास क्या है ? - ज्ञानी खबर (Gyani Khabar)
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धारा 370 कब शुरू हुआ ?

धारा 370 भारतीय संविधान का एक एसा कानून है जिसके अनुसार जम्मू कश्मीर को भारत के दुसरे राज्यों से अलग एक विशेष दर्ज़ा प्राप्त है। आपको बता दें की भारत के आजाद होने से लेकर अब तक सभी राजनीती दलों ने इस धारा का विरोध किया है। और सभी राजनीती दल इस धारा को समाप्त करना चाहते है। लेकिन अभी तक इसे समाप्त नहीं किया जा सका। 


भारत के आजाद होने के बाद , जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ , उस समय जम्मू कश्मीर के राजा हरि सिंह थे। और हरी सिंह आजाद रहना चाहते थे। लेकिन उसी समय पाकिस्तान के समर्थक कबीलाई ने जम्मू कश्मीर पर आक्रमण किया। तब हरी सिंह ने जम्मू कश्मीर को भारत में शामिल करने की मांग की।


ताकि जम्मू कश्मीर को पाकिस्तान के आक्रमण से बचाया जा सके। और वहां की जनता और अपनी प्रजा की जान की रक्षा की जा सके। लेकिन उस समय भारत के पास इतना समय नहीं था की कश्मीर को भारत में शामिल करने का काम शुरू किया जा सके। 


इन सभी परिश्थितियों को देखते हुए , भारत के संघीय संविधान सभा में नेहरु के चेले गोपाल स्वामी अयंकर ने धारा 306 A का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया। और इस ड्राफ्ट को खुद नेशनल कांफ्रेंस के नेता शेख अब्दुल्ला ने अपने हाथों से लिखा था यानि की तैयार किया था। और जवाहर लाल नेहरु ने अपने दोस्त अब्दुल्ला की ख़ुशी के लिए इस धारा को लागू कर दिया। 

और इसी कारण कश्मीर के राजा हरी सिंह को अपना महाराजा पद , अब्दुल्ला के हाथों में सौंपना पड़ा। सरदार पटेल समेत कई मंत्री और नेताओं से इस बात को गुमशुदा रखते हुए , इस धारा को लागू डी गयी। ये धारा इतनी खतरनाक थी की नेहरु और सरदार पटेल की दोस्ती टूट गयी , और उस समय के कानून मंत्री और संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर ने भी इस धारा को लागू करने से माना कर दिया था। 

लेकिन नेहरु के जबरदस्ती करने के कारण आखिरकार जम्मू - कश्मीर में इस धारा को लागू कर ही दिया गया। और इस कारण जम्मू - कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत से विशेष अधिकार मिल गए। आपको बता दें की , यही धारा 306 A बाद में जा कर धारा 370 बना। 

इस धारा को किसने बनाया था ?

धारा 306 A का ड्राफ्ट शेख अब्दुल्ला ने अपने हाथों से तैयार किया था।  पर इसे प्रस्तुत गोपाल स्वामी अयंकर के द्वारा किया गया , जो नेहरु के चेले थे। और यही धारा बाद में धारा 370 बना।  जिसे जवाहर लाल नेहरु ने लागू किया था। 

धारा 370 कब शुरू किया गया ?

भारत के आजाद होने के बाद , जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ , तब पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर आक्रमण कर दिया था। जिसके बाद जम्मू कश्मीर को भारत में शामिल करने की बात हुई। पर भारत के पास इतना समय नहीं था की इसका काम शुरू किया जा सके। 

तब भारत के संघीय संविधान सभा में नेहरु के चेले गोपाल स्वामी अयंकर ने धारा 306 A का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया। और इस ड्राफ्ट को खुद नेशनल कांफ्रेंस के नेता शेख अब्दुल्ला ने अपने हाथों से लिखा था यानि की तैयार किया था। और यही धारा बाद में धारा 370 बना।  जिसे जवाहर लाल नेहरु ने लागू किया था। 

इसके कारण जम्मू-कश्मीर को कौन-कौन से विशेष अधिकार मिले ?

  1. जम्मू कश्मीर के नागरिकों के पास दोहरी नागरिकता होती है।
  2. जम्मू कश्मीर का राष्टीय ध्वज अलग होता है।
  3. जम्मू कश्मीर के विधासभा का कार्यकाल 6 वर्षो का होता है।  जबकि भारत के अन्य राज्यों के विधासभा का कार्यकाल 5 वर्षो का होता है।
  4. भारत के उच्चतम न्यायलय के आदेश जम्मू कश्मीर में मान्य नहीं होते है।
  5. धारा 370 के वजह से जम्मू कश्मीर में बहार के लोग जमीन या घर नहीं खरीद सकते।
  6. धारा 370 के वजह से जम्मू कश्मीर में रहने वाले पाकिस्तानियों को भी भारत की नागरिकता मिल जाती है।
  7. और भी बहुत से अधिकार है , जो जम्मू कश्मीर को विशेष रूप से मिले है। जो भारत के अन्य राज्यों के पास नहीं है। 

तो दोस्तों, आज हम इस पोस्ट में धारा 370 के बारे में पूरी सम्पूर्ण जानकारी हासिल की है।  अगर आपको कोई सवाल पूछना है या अपनी कोई राय देनी है तो आप हमें कमेंट के जरिये दे सकते है।  अगर आपने इस पोस्ट से कुछ सिखा हो या थोड़ी सी भी जानकारी हासिल हुई हो तो कृपा करके इस पोस्ट को अपने सभी दोस्तों , रिश्तेदारों , के साथ जरूर शेयर करे। इसके अलावा ज्ञानी खबर को फॉलो करे , जिससे की आपको हमारी सभी नए पोस्ट की जानकारी लगातार मिलती रहे। 

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